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CTET 2022 Hindi Test - 14
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CTET 2022 Hindi Test - 14
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  • Question 1/10
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    Directions For Questions

    निर्देश: गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए।

    हमारे देश के त्योहार चाहे धार्मिक दृष्टि से मनाए जा रहे हैं या नए वर्ष के आगमन के रूप में, फ़सल की कटाई एवं खलिहानों के भरने की ख़ुशी में हो या महापुरुषों की याद में, सभी देश की राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक एकता और अखंडता को मजबूती प्रदान करते हैं। ये त्योहार जनमानस में उल्लास, उमंग एवं ख़ुशहाली भर देते हैं, ये हमारे अंदर देश-भक्ति एवं गौरव की भावना के साथ-साथ, विश्व-बंधुत्व एवं समन्वय की भावना भी बढ़ाते हैं। इनके द्वारा महापुरूषों के उपदेश हमें इस बात की याद दिलाते हैं कि सदविचार  एवं सद्भावना द्वारा ही हम प्रगति की ओर बढ़ सकते हैं। इन त्योहारों के माध्यम से हमें यह भी संदेश मिलता है कि वास्तव में धर्मों का मूल लक्ष्य एक है, केवल उस लक्ष्य तक पहुँचने के तरीके अलग-अलग हैं

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    निम्नलिखित में से कौन-सा त्योहार किसी महापुरुष से नहीं जुड़ा है?

    Solutions

    गणतंत्र दिवस किसी महापुरुष से संबंधित नहीं है। यह एक राष्ट्रीय पर्व है, यह हमारे देश में संविधान के लागू होने के उपलक्ष्य और  ‘गणतंत्र देश’ घोषित करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

    अन्य दिवस महापुरुषो की याद में मनाये जाते हैं-

    गाँधी जयंती - महात्मा गाँधी की याद में 

    बाल दिवस - पंडित जवाहर लाल नेहरू

    शिक्षक दिवस - डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन 

  • Question 2/10
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    Directions For Questions

    निर्देश: गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए

    हमारे देश के त्योहार चाहे धार्मिक दृष्टि से मनाए जा रहे हैं या नए वर्ष के आगमन के रूप में, फ़सल की कटाई एवं खलिहानों के भरने की ख़ुशी में हो या महापुरुषों की याद में, सभी देश की राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक एकता और अखंडता को मजबूती प्रदान करते हैं। ये त्योहार जनमानस में उल्लास, उमंग एवं ख़ुशहाली भर देते हैं, ये हमारे अंदर देश-भक्ति एवं गौरव की भावना के साथ-साथ, विश्व-बंधुत्व एवं समन्वय की भावना भी बढ़ाते हैं। इनके द्वारा महापुरूषों के उपदेश हमें इस बात की याद दिलाते हैं कि सदविचार  एवं सद्भावना द्वारा ही हम प्रगति की ओर बढ़ सकते हैं। इन त्योहारों के माध्यम से हमें यह भी संदेश मिलता है कि वास्तव में धर्मों का मूल लक्ष्य एक है, केवल उस लक्ष्य तक पहुँचने के तरीके अलग-अलग हैं

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    त्योहार राष्ट्र को क्या लाभ पहुँचाते हैं?

    Solutions

    त्योहार का मनाया जाना भिन्न-भिन्न संस्कृतियों की ओर इंगित करता है। विभिन्न संप्रदायों या धर्मों का मूल लक्ष्य एक है, केवल उस लक्ष्य तक पहुँचने के तरीके अलग-अलग हैं।त्योहारों को मनाने से राष्ट्र के सभी लोग आपस में मिल-जुलकर रहते हैं।

  • Question 3/10
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    निर्देश: गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए।

    हमारे देश के त्योहार चाहे धार्मिक दृष्टि से मनाए जा रहे हैं या नए वर्ष के आगमन के रूप में, फ़सल की कटाई एवं खलिहानों के भरने की ख़ुशी में हो या महापुरुषों की याद में, सभी देश की राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक एकता और अखंडता को मजबूती प्रदान करते हैं। ये त्योहार जनमानस में उल्लास, उमंग एवं ख़ुशहाली भर देते हैं, ये हमारे अंदर देश-भक्ति एवं गौरव की भावना के साथ-साथ, विश्व-बंधुत्व एवं समन्वय की भावना भी बढ़ाते हैं। इनके द्वारा महापुरूषों के उपदेश हमें इस बात की याद दिलाते हैं कि सदविचार  एवं सद्भावना द्वारा ही हम प्रगति की ओर बढ़ सकते हैं। इन त्योहारों के माध्यम से हमें यह भी संदेश मिलता है कि वास्तव में धर्मों का मूल लक्ष्य एक है, केवल उस लक्ष्य तक पहुँचने के तरीके अलग-अलग हैं

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    ‘देशभक्त्ति’ में कौन-सा समास है?

    Solutions

    ‘देशभक्ति’ का अर्थ है देश के प्रति भक्ति।

    देशभक्ति में तत्पुरुष समास है। जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद गौण हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।

    जैसे:- तुलसीदासकृत = तुलसीदास द्वारा कृत

  • Question 4/10
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    निर्देश: गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए।

    हमारे देश के त्योहार चाहे धार्मिक दृष्टि से मनाए जा रहे हैं या नए वर्ष के आगमन के रूप में, फ़सल की कटाई एवं खलिहानों के भरने की ख़ुशी में हो या महापुरुषों की याद में, सभी देश की राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक एकता और अखंडता को मजबूती प्रदान करते हैं। ये त्योहार जनमानस में उल्लास, उमंग एवं ख़ुशहाली भर देते हैं, ये हमारे अंदर देश-भक्ति एवं गौरव की भावना के साथ-साथ, विश्व-बंधुत्व एवं समन्वय की भावना भी बढ़ाते हैं। इनके द्वारा महापुरूषों के उपदेश हमें इस बात की याद दिलाते हैं कि सदविचार  एवं सद्भावना द्वारा ही हम प्रगति की ओर बढ़ सकते हैं। इन त्योहारों के माध्यम से हमें यह भी संदेश मिलता है कि वास्तव में धर्मों का मूल लक्ष्य एक है, केवल उस लक्ष्य तक पहुँचने के तरीके अलग-अलग हैं

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    गद्यांश में दिया गया ‘भी’ शब्द निम्न में से क्या है?

    Solutions

    भी, ताकि, केवल, हीआदि निपात शब्द  है।

    जो अव्यय किसी शब्द  या पद के बाद जुड़कर उसके अर्थ  में विशेष प्रकार का बल भर देते है उन्हें निपात  कहते है |

  • Question 5/10
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    Directions For Questions

    निर्देश: गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए।

    हमारे देश के त्योहार चाहे धार्मिक दृष्टि से मनाए जा रहे हैं या नए वर्ष के आगमन के रूप में, फ़सल की कटाई एवं खलिहानों के भरने की ख़ुशी में हो या महापुरुषों की याद में, सभी देश की राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक एकता और अखंडता को मजबूती प्रदान करते हैं। ये त्योहार जनमानस में उल्लास, उमंग एवं ख़ुशहाली भर देते हैं, ये हमारे अंदर देश-भक्ति एवं गौरव की भावना के साथ-साथ, विश्व-बंधुत्व एवं समन्वय की भावना भी बढ़ाते हैं। इनके द्वारा महापुरूषों के उपदेश हमें इस बात की याद दिलाते हैं कि सदविचार  एवं सद्भावना द्वारा ही हम प्रगति की ओर बढ़ सकते हैं। इन त्योहारों के माध्यम से हमें यह भी संदेश मिलता है कि वास्तव में धर्मों का मूल लक्ष्य एक है, केवल उस लक्ष्य तक पहुँचने के तरीके अलग-अलग हैं

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    गद्यांश में प्रयुक्त  ‘ख़ुशी’ शब्द निम्न में से क्या है ?

    Solutions

    जो शब्द पदार्थों की अवस्था , गुण , दोष , धर्म , दशा , स्वभाव आदि का बोध कराते हैं। उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

    खुशी एक भाववाचक संज्ञा (शब्द) है, जिससे प्रसन्नता या उत्साह जाहिर होता है।

  • Question 6/10
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    भाषा सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को रोचक और सोद्देश्यपूर्ण बनाने में सर्वाधिक प्रभावी है।

    Solutions
    • भाषा सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को रोचक और सोद्देश्यपूर्ण बनाने में सर्वाधिक प्रभावी है क्योंकि कक्षा के प्रिंट समृद्ध परिवेश के उपयोग से अधिगम अधिक प्रभावी हो जाता है।
    • प्रिंट समृद्ध वातावरण से आशय ऐसे वातावरण से है जहाँ 'बच्चों को अपने इर्द-गिर्द चित्र, विज्ञापन, होर्डिंग्स, कैलेंडर, बाल-साहित्य, सूचियाँ आदि देखने-पढ़ने के अवसर मिलते हैं क्योंकि बच्चे भाषा तब बेहतर तरीके से सीखते हैं।
    • प्रिंट-समृद्ध' कक्षा से छात्रों का पढ़ने का आत्मविश्वास बढ़ सकता है।
  • Question 7/10
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    भाषा स्वयं में एक ................... व्यवस्था है।

    Solutions

    भाषा स्वयं में एक नियमबद्ध व्यवस्था है। भाषा ध्वनि, शब्द, वाक्य और बातचीत के स्तर पर पूरी तरह से नियमबद्ध होती है। ऐसा नहीं हो सकता कि हम जिन ध्वनियों को चाहें उनको जोड़कर शब्द बना लें और शब्दों को किसी भी मनचाहे क्रम में रखकर वाक्य बना लें।

    भाषाविदों के अनुसार किसी भाषा का व्याकरण कई उपतंत्रों से बना एक उच्च अमूर्त तंत्र है। भाषा की नियमबद्ध व्यवस्था का अध्ययन व्याकरण के अन्तर्गत किया जाता है।
    भाषा - भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को व्यक्त कर सकते हैं और इसके लिये हम वाचिक ध्वनियों का प्रयोग करते हैं।

  • Question 8/10
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    त्रिभाषा सूत्र के अनुसार स्कूल में पहली भाषा जो पढ़ाई जाए वह .............. हो या ................... भाषा।

    Solutions

    सही विकल्प C है।

    • त्रिभाषा सूत्र के अनुसार स्कूल में पहली भाषा जो पढ़ाई जाए वह मातृभाषा हो या क्षेत्रीय भाषा।
    • त्रिभाषा-सूत्र, भारत की भाषा-स्थिति की चुनौतियों और अवसरों को संबोधित करने का एक प्रयास है। त्रिभाषा के अंतर्गत मातृभाषा , राष्ट्रभाषा एवं एक विदेशी भाषा का अध्ययन करना होता है।
    • त्रि-भाषा सूत्र के अनुसार - 
      पहली भाषा - यह मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा होगी।
      दूसरी भाषा - हिंदी भाषी राज्यों में यह अन्य आधुनिक भारतीय भाषा या अंग्रेज़ी होगी और गैर-हिंदी भाषी राज्यों में यह हिंदी या अंग्रेज़ी होगी।
  • Question 9/10
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    निगमन विधि का व्यापक रूप से प्रयोग करना कौन सी विधि है?

    Solutions

    सूत्र विधि एक तरह से निगमन विधि ही मानी जाती है, क्योंकि निगमन विधि में भी पहले नियम/ सिद्धांत बताया जाता है तथा इस विधि में भी पहले सूत्र ही बताया जाता है। अर्थात निगमन विधि का व्यापक प्रयोग करना ही सूत्र विधि है।

  • Question 10/10
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    नीचे दिए गए प्रश्न के सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।

    सलमा पहली कक्षा में पढ़ती है। वह ‘किताब’ शब्द को ‘कतब’ लिखती है। सलमा का लिखने का यह तरीका ________ को दर्शाता है।

    Solutions

    सलमा पहली कक्षा में पढ़ती है। वह ‘किताब’ शब्द को ‘कतब’ लिखती है। सलमा का लिखने का यह तरीका स्व-वर्तनी को दर्शाता है।

    वर्तनी - वर्तनी के अन्तर्गत शब्द ध्वनियों को जिस क्रम से और जिस रूप में उच्चारित किया जाता है उसी क्रम से और उसी रूप में उन्हें लिखा भी जाता है।

    वर्तनी शब्द का अर्थ है- अनुसरण करना, अर्थात पीछे-पीछे चलना। भाषा के उच्चरित रूप या बोलने में जो कहा जाता है अथवा उच्चरित किया जाता है, उसी के अनुरूप या अनुसार लिखा भी जाता है, इसे ही वर्तनी कहते हैं। भाषा का लिखित रूप वर्तनी की सहायता लेता है। अतः भाषा के उच्चरित रूप को उसी रूप में लिपिबद्ध करना ‘वर्तनी’ कहलाता है।

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